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पिछले दिनों फेसबुक पर किशोर उम्र की एक लड़की की पोस्ट वायरल हो गई। उस पोस्ट में किशोरी ने लिखा था कि मैंने आज चार हफ्ते बाद अपने बालों पर कंघी फिराई। चार हफ्ते बाद ही नहाई भी और बालों को शैम्पू भी किया। उस लड़की ने लिखा कि जब मैं बाथरूम के शॉवर से बाहर आई, तब मेरी हालत ऐसी थी कि मैं अपना हाथ भी ऊपर नहीं उठा पा रही थी। दांतों को ब्रश करने, नहाने, बालों को शैम्पू करने के बाद मैं कई लोगों से मिली और मुझे अच्छा लगा, क्योंकि मुझसे बदबू नहीं आ रही थी।
फेसबुक को साढ़े चार हजार नए कर्मचारियों की आवश्यकता है। दिनभर फेसबुक खोलकर बैठे रहना, वेतन लाखों डॉलर प्रतिवर्ष, कार्य के घंटे सुविधानुसार, कंपनी की सुविधाएं ए क्लास, वर्क फ्रॉम होम संभव, ड्रेस कोड के नाम पर कोई दबाव नहीं; इतना सब होने के बाद भी फेसबुक को ये कर्मचारी नहीं मिल रहे है। इसका कारण यह है कि अमेरिका में स्थानीय लोग तो यह कार्य करना ही नहीं चाहते।
इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को एक युवक को गिरफ्तार किया। उस युवक ने अपने चार साथियों के साथ सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया था, जिसमें उसके हाथ में रिवाल्वर था और सामने एक युवक हाथ जोड़े बैठा था, उसी के साथ आजू-बाजू में तीन और युवक खड़े थे, जो उसके गुर्गे की तरह लगते थे। किसी फिल्मी सीन से प्रभावित होकर उसकी नकल में फोटो खिंचवाने का यह जुनून युवक को महंगा पड़ गया। पुलिस ने उसे पकड़ लिया और अवैध हथियार रखने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस की तकनीकी एक्सपर्ट की टीम सोशल मीडिया को लगातार मॉनिटर करती रहती है और अगर कुछ आपत्तिजनक लगे, तो उसकी पड़ताल भी करती है। इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच को सोशल मीडिया पर यह तस्वीर अस्वाभाविक लगी और यह लगा कि वह युवक अपने आप को डॉन के रूप में प्रचारित करना चाहता है।
मंदसौर में पिछले दिनों हुई हिंसक वारदातों के बाद मंदसौर और उससे जुड़े जिलों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन कर दिए गए। वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर सब बंद। इसके कुछ समय बाद इंटरनेट पर ही पाबंदी लगा दी गई। प्रशासन फिर भी संतुष्ट नहीं हुआ, तो कुछ इलाकों में 2जी और 3जी सेवाएं भी बंद कर दी गई। सहारनपुर में भी दंगों के दौरान यही व्यवस्था की गई। न सोशल मीडिया, न इंटरनेट, न मोबाइल। कश्मीर में तो यह आए दिन होता रहता है।
कोई भी व्यक्ति कैसी पोशाक पहनें, ये उस बात पर निर्भर है कि वह किस जगह पर है, वहां के रीति-रिवाज क्या है और वहां का मौसम कैसा है? प्रियंका चोपड़ा ने अगर बर्लिन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उस वक्त उन्होंने जो पोशाक पहनी थी, उसमें उनकी टांगें नजर आ रही थी, तो सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रॉल करने की कोई जरूरत नहीं थी। जो युवती मिस वल्र्ड रह चुकी हो और बॉलीवुड के साथ ही हॉलीवुड में भी काम कर रही हो, उसे इतनी समझ तो होगी ही किस व्यक्ति के सामने किस तरह के कपड़े पहनकर जाना है और वे जिनसे मिल रही थी, वे उम्र में उनके पिता के बराबर हैं। सैन्य परिवार की बेटी होने के नाते प्रियंका का आधुनिक जीवनशैली से बचपन से ही नाता रहा है। फिर वे मॉडलिंग, मुंबई और फिर हॉलीवुड की फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हुई, जहां आधुनिकता का बोलबाला है। मुख्य बात यह थी कि जिस पोशाक पर उनके परिवार वालों को आपत्ति नहीं, उनसे मिलने वालों को आपत्ति नहीं, तब सोशल मीडिया पर लोगों को अपनी प्रतिक्रिया क्यों देनी चाहिए थी?
अमेजान के संस्थापक हैं जैफ बेजोस, जो बिल गेट्स के बाद विश्व के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति हैं। 2016 में उनकी कंपनियों का टर्न ओवर भारतीय मुद्रा में करीब सवा नौ लाख करोड़ रुपए था। दो लाख से ज्यादा कर्मचारी उनके कंपनी में काम करते है। दुनिया के लगभग सभी देशों में अमेजान की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। भारत में भी अमेजान अच्छा कारोबार कर रही है और वह दिन दुगना, रात चौगुना बढ़ रहा है।