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Sayaji

इन्दौर के लोगों को दो डॉयलाग बहुत ही प्रिय है। एक इन्दौर में पहली बार और दो एशिया का सबसे बड़ा। जब इन्दौर में सुरक्षा में सुदामा नगर नामक बस्ती बसाई जा रही थी। तब यही कहा जा रहा था कि यह एशिया की सबसे बड़ी बस्ती है। ऐसे ही जब राज टावर्स नामक बिल्डिंग तोड़ी जा रही थी, तब भी यही कहा जा रहा था कि यह एशिया की सबसे बड़ी अवैध बिल्डिंग थी। इन्दौर जिले में महू शहर में एक प्राइमरी स्वूâल है, जिसके बारे में भी यही कहा जाता था कि वह एशिया की सबसे बड़ी प्राइमरी स्वूâल है।

इन सब बातों का रेकार्ड नहीं है, लेकिन यह दावा करने में हमारे इन्दौर वासी कभी भी वंâजूसी नहीं करते कि यह जगह एशिया की सबसे बड़ी है। हालांकि जब भी एशियन गेम्स होते हैं, हमें पता चल ही जाता है कि हमारी हैसियत क्या है।

इन्दौर के लोगों को यह वाक्य लिखने में भी बहुत मजा आता है। इन्दौर में पहली बार। जब भी कोई गायक, खिलाड़ी, मॉडल, फिल्मी, कलाकार, लेखक या नेता इन्दौर आता है तो हमेशा यह लिखा जाता है। इन्दौर में पहली बार। गायक मिस्टर एक्स पहली बार इन्दौर में। जब वह गायक दूसरी बार इन्दौर आता है तब लिखा जाता है कि गायक मिस्टर एक्स पहली बार इन्दौर के नेहरू स्टेडियम में। अगली बार लिखा जाएगा कि गायक मिस्टर एक्स पहली बार इन्दौर के णभय प्रशाल में पहली बार नेहरू पार्वâमें, पहली बार बॉस्केटबॉल स्टेडियम में, पहली बार राजबाड़ा में।

यह इन्दौर की खूबी है कि यहां पहली बार शब्द दूसरी, तीसरी, चौथी या पांचवीं बार भी लिखे जा सकते हैं।

‘वर्ष में पहली बार’ लिखने का भी यहां पैâशन है। कुछ भी कार्यक्रम होगा तो जरूर लिखा जाता है कि यह कार्यक्रम वर्ष में पहली बार वर्ष में आखिरी बार किया जा रहा है। अब इस वाक्य को यों लिखा जा सकता है सदी के आखिरी वर्ष में पहली बार। अगले वर्ष इसे लिखा जाएगा। इक्कीसवीं सदी में पहली बार इन्दौर में।

इन्दौर में लोग कोई भी कार्यक्रम किश्तों में करने के आदी है। उदघाटन यहां का प्रमुख पैâशन है। यहां एक बार सड़क का उदघाटन होता है। फिर उस पर बनने वाले पुल का उदघाटन होता है। सड़क पर डिवाइडर बनता है तो फिर उसका उदघाटन होता है। स्ट्रीट लाइट लगाई। जाती है तो उसका उदघाटन होता है। फिर सड़क की मरम्मत होती है तो उसका उदघाटन होता है। फिर सड़क पर बनने वाले पुल की मरम्मत का उदघाटन होता है। फिर रोड़ डिवाइडर की मरम्मत या उसे चौड़ा करने के कार्य का उदघाटन होता है। फिर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था में बदलाव के कार्य का उदघाटन होता है। गोया के उदघाटन ही होता रहता है और कार्य नहीं हो पाता।

जब कोई सड़क बनती है तब क्या उन्हें पता नहीं कि यहां पुलिया, रोड़ डिवाइडर, स्ट्रीट लाइट वगैरह भी लगेंगे ही। उनका क्या उदघाटन करना। और अगर ये सब भी लगे ही हो तो भी उनकी मरम्मत होती ही रहेगी। उसका क्या उदघाटन।

पुछल्ला : पहले हिन्दी और अंग्रेजी के मेलजोल से भाषा बनी उसे नाम दिया गया इंग्लिश।

फिर पंजाबी और अंग्रेजी के मेलजोल से भाषा बनी। उसे नाम दिया गया पंजाबिश।

अब मालवी और अंग्रेजी के मेलजोल से एक भाषा बन रही है। उसका नाम क्या होगा?

प्रकाश हिन्दुस्तानी

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