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प्रसिद्ध खेल पत्रकार पद्मपति शर्मा चाहते हैं कि दागी क्रिकेटर के जीवन पर बनी अजहर फ्लॉप हो, ताकि दागियों पर फिल्म बनाने की हिम्मत कोई न कर सके। अजहर एक दागी क्रिकेटर रहा है। लालची और दिलफेंक। अवसरवादी नेता भी। यह फिल्म मैच फिक्सिंग के दागी को चमकाने के लिए बालाजी फिल्मस का चमको पावडर है। यह न क्रिकेट प्रेमियों को पसंद आएगी और न ही फिल्म प्रेमियों को। क्रिकेट प्रेमी अजहर की वैसी इज्जत नहीं करते, जैसी सचिन और धोनी की करते हैं।

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फिल्म में बताया गया है कि अजहर ने बुकी से एक करोड़ रुपए मैच हारने के लिए लिये थे, लेकिन मैच में अजहर चौके-छक्के मारते हुए भारत को जिता देता हैं। बाद में हीरो यानि अजहर वह पैसे बुकी को भिजवा देता हैं और फोन पर कहता है कि मैं भारत के लिए ही खेल रहा था और अगर मैं यह नहीं करता, तो तुम किसी और खिलाड़ी को फांस सकते थे। फिर यह हीरो दर्शकों के सामने कहता हैं, यही थी मेरी कहानी आप इसे सच मानना चाहे तो माने, आपकी मर्जी।

अब हम तो इसे सच नहीं मानते। हमारी मर्जी।

वाह! क्या अंदाज था देश के लिए खेलने और खाने का। इतना महान क्रिकेटर। क्रिकेटर ही महान नहीं है, उसका पूरा खानदान महान हैं। उसका नाना महान है, जो उसे कहता है कि तुझे 100 मैच खेलना हैं। उसकी पहली बीवी महान है, जो उसका ध्यान रखती हैं। उसकी गर्लफ्रेंड और बाद में बनने वाली पत्नी भी महान है, जो कहती है कि तुम शादीशुदा हो और हमारे प्यार मोहब्बत से किसी की जिंदगी तबाह हो सकती हैं, लेकिन बेचारा हीरो यानि अजहर करे तो क्या? दिल है कि मानता नहीं। 25-25 लाख की घड़ियों पर भी आ जाता है और बुकियों के प्रस्ताव पर भी। फिल्मी हीरोइन संगीता बिजलानी पर भी आ जाता हैं और इसके बाद बैडमिंटन खिलाड़ी पर भी।

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फिल्म कहती है कि अजहर बहुत महान खिलाड़ी रहा है। उसने बुकियों से समझौता किया, यह बात साबित नहीं हो सकी है, इसलिए वह निर्दोष है। उसकी प्रेमिका भी महान है, जिसे उसकी पत्नी की चिंता रहती है, लेकिन फिर भी दिल पर किसका जोर? और अगर वह दिल चुम्मा किंग इमरान हाशमी पर फिल्माया जा रहा हो, तो लाजमी है कि दिल तो आवारा होगा ही। इमरान हाशमी जन्नत में बुकी का रोल कर चुके हैं, इसलिए अजहर के रूप में वे ज्यादा अस्वाभाविक नहीं लगते।

फिल्म में कपिल, मनोज, रवि, सचिन, अजय और नवजोत जैसे अन्य खिलाड़ी पात्र भी हैं। मनोज को भारतीय टीम के खलनायक के रूप में पेश किया गया है, जो केवल अपने लिए सेंचुरी बनाता है और टीम को हार जाने देता हैं। साफ लगता है कि यहां मनोज प्रभाकर का जिक्र हो रहा है। रवि शास्त्री को भी दिलफेंक खिलाड़ी के रूप में दिखाया गया हैं। इन सबसे उजला चेहरा केवल अजहर का ही है। यही कोशिश है फिल्म में दिखाने की। अंत में लगता है कि यह फिल्म यह कहने के लिए बनाई गई है कि आठ साल में भी यह बात साबित नहीं हो पाई कि अजहर ने मैच फिक्सिंग की थी।

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2009 में लोकसभा चुनाव के वक्त अजहर मोरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे। इस राजनीति का जिक्र फिल्म में नहीं है। नरगिस फाखरी ने संगीता बिजलानी की भूमिका की है और प्राची देसाई ने नौरीन खान की, जो अजहर की पहली पत्नी थी। अजहर से तलाक के बाद उन्होंने कनाडा के व्यवसायी से शादी कर ली। नरगिस फाखरी को शायद इसलिए लिया गया है कि वे पाकिस्तान मूल की हैं और पाकिस्तान में इस फिल्म का अच्छा बिजनेस करने की संभावनाएं बढ़ाती हैं।

फिल्म के गाने और संगीत का पक्ष अच्छा हैं, लेकिन न्यायालय के सीन बहुत ही नकली और बनावटी लगते हैं और क्रिकेट का मैदान भी। फिल्म में एक जगह हीरो कहता है कि मैं जनता की निगाह में इज्जत बचाए रखना चाहता हूं, कोर्ट की मुझे उतनी परवाह नहीं। नौरीन से टूटे विवाह के बाद वह कहता है कि रिश्ते टूटने से रिश्ते खत्म नहीं हो जाते। वैसे भी अजहर की जवानी हेलमेट में और नौरीन की जवानी बुर्के में ही कट जाती हैं। सलमान खान और न जाने किस-किस की भूतपूर्व प्रेमिका संगीता बिजलानी को भी देवी बताने की कोशिश की गई है।

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इमरान हाशमी की एक्टिंग ठीकठाक हैं। यह भरोसा होने लगा है कि वह चुम्मे के अलावा भी कुछ कर सकता हैं। प्राची देसाई ने मुस्लिम महिला नौरीन खान की भूूमिका अच्छी की है और नरगिस फाखरी ने संगीता बिजलानी बनकर ओए-ओए गाना गाया है। दोनों के साथ ही इमरान हाशमी के प्रिय चुम्बन दृश्य भी है। इसके अलावा लारा दत्ता ने अजहर के खिलाफ केस लड़ने वाली वकील का रोल किया है। अब कोर्ट में तो वह कुछ कर नहीं कर सकती थी, इसलिए दूसरे दृश्यों में अपनी प्रॉपर्टी का प्रदर्शन किया है। बाकी सभी कलाकार अजहर की भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने वाले रोल में हैं।

फिल्म के कुछ डायलॉग तो वाकई शानदार हैं। जैसे-
- अगर छाती पर इंडिया लिखा हो, तो आदमी भारत के लिए ही जीता-मरता हैं।
- फैंस हल्ला करते हैं और हवा टाइट भी।
- कपिल तब साथ देते हैं, जब कोई भी साथ नहीं देता।
- मैं तुम्हारे लिए दुआ कर सकता हूं, लेकिन नमाज तो तुम्हें ही पढ़नी होगी।
- तीन चीजें हमेशा एक-दूसरे के विरुद्ध ही रहती हैं- पति-पत्नी, पानी-पेट्रोल, भारत-पाकिस्तान।
- महंगे-महंगे शौक और महंगी-महंगी गर्लफ्रेंड हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता।
- प्यार में लोग जान देते हैं, रिश्वत नहीं लेते।
- कछुए केवल कहानियों में ही जीतते हैं।
- क्रिकेट हो या प्यार टाइमिंग बहुत जरूरी हैं।
- ऊपरवाला भी हम लोगों के खूब मजे लेता हैं।
- अगर किसी पर अंगुली उठाने पर सजा का प्रावधान होता, तो आधी दुनिया जेल में होती और अगर किसी का दिल तोड़ने पर भी सजा का प्रावधान होता, तो भी आधी दुनिया जेल में मिलती।
- सिक्का हेड और टेल्स दोनोें का होता है, लेकिन जो ऊपर होता है वक्त उसी के साथ होता हैं।

अगर आप अजहर के फैन रहे हैं, तो यह फिल्म देख सकते हैं।

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