कोई भी राजनीतिक पार्टी परिवारवाद से अछूती नहीं हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही यह तथ्य फिर जगजाहिर हो गया। परिवारवाद के खिलाफ बयान देने में तो कोई भी पार्टी पीछे नहीं हैं। आखिर दूसरी प्रतिभाओं को मौका क्यों नहीं मिलता?
प्रसिद्ध वक्ता और राजनीतिक कार्यकर्ता मृणाल पंत और प्रकाश हिन्दुस्तानी की बातचीत