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अमेरिकी डायरी के पन्ने (3)

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 तीन सप्ताह की अमेरिका यात्रा के अंत में उत्तरी वैâलिफोर्निया की नापा वेली में जाने का मौका मिला। यहां प्रकृति की अद्भुत सुंदरता के साथ ही शानदार मौसम का भी तोहफा मिला हुआ है। पूरी घाटी पहाड़ों से घिरी है और वहां करीब 450 वाइनरी़ज के साथ ही सैकड़ों होटल और रेस्टोरेंट खुल गए है। मुझे बताया गया कि यहां की मिट्टी और जलवायु ऐसी है कि यहां अंगूर की तरह-तरह की किस्मों की खेती करना संभव है। इस अंगूर से शराब बनाई जाती है। अंगूर भी तरह-तरह के। सफेद, हरे, लाल, कत्थई, भूरे और वे भी अलग-अलग आकार प्रकार के। इसके अलावा यहां गर्म हवा के गुब्बारों की सैर , गोल्फ कोर्स और वाइन ट्रेन और वाइन ट्रॉली आकर्षण का केन्द्र बनी है। 

 

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अमेरिकी लोगों के लिए यह जह हनीमून के लिए आदर्श मानी जाती है। हनीमून के आने वाले कपल गर्म हवा के गुब्बारों की सैर करते है, घुड़सवारी का आनंद लेते है और तरह-तरह की वाइन तथा शैम्पेन चखते है। ऐसे जोड़े भी मिले जो घोड़ों की पीठ पर सवार होकर घूम रहे थे और उनके हाथों में शैम्पेन की बोतलें थी। नापा में सांस्कृतिक गतिविधियां भी होती रहती है। खासकर थिएटर के शो।

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किसी ने कहा है वाइन इज बोटल्ड पोएट्री अर्थात वाइन बोतल में बंद कविता है। वाइन लिकर नहीं है। आमतौर पर लोग वाइन को लीकर समझते है। जबकि वाइन को अमेरिका में खाद्य पेय माना गया है। नशा वाइन में भी होता है, लेकिन वैसा नहीं जैसा ज्यादा अल्कोहल वाली शराब में। नापा वेली में तरह-तरह की वाइन बिकती है और वहीं जाकर पता चला कि वाइन की अलग-अलग किस्में अलग-अलग समय पर पीने के लिए होती है। कुछ वाइन सुबह के वक्त पी जाती है, कुछ दोपहर के वक्त और कुछ रात के भोजन के समय। अलग-अलग वाइन के साथ अलग-अलग खाद्य पदार्थों के सेवन का भी चलन है। वाइन और शैम्पेन के साथ ची़ज का सेवन प्रचलन में है। मांसाहारी लोग वाइन पीते हुए चिकन, फिश या टर्की खाना पसंद करते हैं। यह खाना धीमे-धीमे होता है फाइन के सेवन के साथ।

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वाइन पीने के तरीके भी बताए गए। वाइन के अलग-अलग तरह के ग्लास होते है। शैम्पेन के भी ग्लास अलग तरह के होते हैं। दिलचस्प बात पता चली कि रेड वाइन को सामान्य तापमान पर पीना पसंद किया जाता है, जबकि व्हाइट वाइन को पीना हो तो उसे एकदम चिल्ड पीना चाहिए। आपके हाथ से कांच का पैमाना गर्म हो सकता है इसलिए अलग-अलग तरीके से पैमानों को पकड़ने का तरीका भी बताया गया। नापा वैली में दर्जनों वाइन क्लब है। उन क्लब की सदस्यता लेने पर वाइन सस्ती मिल सकती है।

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अधिकांश वाइनरी़ज ने अपने-अपने रेस्टोरेंट, बार, वाइन टेस्टिंग रूम्स, होटल आदि बना रखे है। इसके साथ ही वाइनरी़ज को घुमाने के कार्यक्रम भी चलते रहते है। डॉलर दीजिए और वाइनरी़ज का गाइड आपको अंगूर के खेतों के साथ-साथ उसकी फैक्ट्री, गोडाउन और रेस्टोरेंट में घुमाता हुआ बार तक लाकर छोड़ देता है। बार में आप पहले से निर्धारित श्रेणी में तरह-तरह की वाइन चख सकते है। वाइन चखने का तरीका भी अद्भुुत है। पैमाने में थोड़ी से वाइन डाली जाती है। उसे घुमाया जाता है और फिर पैमाने को नाक के करीब लाकर उससे उत्पन्न गैसों को सूंघा जाता है। इसके बाद एक घूंट भरना होता है और फिर उसे अपने पूरे मुंह में जुबान से घुमाया जाता है। जुबान के नजदीक की स्वाद की ग्रंथियां उस वाइन का स्वाद ग्रहण कर लेती है। एक के बाद एक लगातार वाइन चखिए और अंतर समझिए।

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नापा वैली की यात्रा के दौरान वहां की मशहूर रॉबर्ट मांडवी वाइनरी में जाने का मौका मिला। इसकी स्थापना रॉबर्ट मांडवी ने की थी। 94 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। रॉबर्ट मांडवी ने यहां न केवल अंगूर की खेती की, बल्कि वाइनरी, रेस्टोरेंट, होटल जैसे उपक्रम भी किए। यहां उन्होंने एक गिफ्ट शॉप भी खोली ताकि आप नापा वैली की यादगार को अपने साथ ले जा सकें। मूलत: इटली के निवासी रॉबर्ट मांडवी 1943 नापा वैली आए थे और यहां उन्होंने अंगूर की खेती शुरू की थी। 21 साल बाद 1966 में उन्होंने अपने दो बेटों की मदद से यहां वाइनरी खोली। रॉबर्ट मांडवी की बनाई हुई वाइन ने दुनियाभर में ख्याति प्राप्त की और यूरोप की सबसे लोकप्रिय वाइन में उनकी बनाई वाइन का शुमार हुआ। रॉबर्ट मांडवी के देखादेखी अनेक लोग यहां आए और उन्होंने भी यहां वाइनरी खोलना शुरू किया। रॉबर्ट मांडवी ने यहां से अकूत संपदा कमाई और 1937 से लेकर 1980 तक कई शादियां और तलाक के दौर से गुजरे। 1968 में रॉबर्ट मांडवी ने ओक से शराब बनाने का प्रयोग भी किया, जो बहुत सफल रहा। क्योंकि पूरी घाटी में ओक के वृक्षों की बहुतायत है। पिछले 25 वर्षों से रॉबर्ट मांडवी की वाइनरी़ज की वाइन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित वाइन माने जाने लगी। 2005 में उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर केबरनेट ब्लेंड की वाइन बनाई थी। यह वाइन इतनी दुर्लभ मानी गई कि उसके एक बैरल (करीब 120 लीटर) की कीमत नीलामी में चार लाख डॉलर (करीब ढाई करोड़ रुपए) में बिकी। ‘अंकोरा उना वोल्टा’ (वन्स अगेन) नाम की इस वाइन की बिक्री से प्राप्त आय दान में दे दी गई।

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रॉबर्ट मांडवी तरह-तरह की वाइन बनाने वाली वंâपयियों का अधिग्रहण भी करते रहे। यह अधिग्रहण दुनियाभर की कंपनियों का किया गया। इसमें इटली की प्रमुख वाइन कंपनियों भी शामिल है।रॉबर्ट मांडवी ने 136 करोड़ डॉलर (करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए) में कांसेलेशन ब्रांड्स की वाइन कंपनी अधिग्रहित की। रॉबर्ट मांडवी ने अपनी कमाई से दान भी बहुत किए। उन्होंने रॉबर्ट मांडवी सेन्टर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स के लिए एक करोड़ डॉलर और इंस्टीट्यूट ऑफ वाइन एण्ड फूड साइंस के लिए ढाई करोड़ अमेरिकी डॉलर दान किए। नापा वैली के प्रसिद्ध ऑपेरा हाउस और स्कूल के लिए भी उन्होंने काफी बड़े-बड़े दान किए। इसके अलावा विश्वविद्यालयों और थिएटर को भी वे समय-समय पर मोटे-मोटे दान देते थे। 16 मई 2008 को 14 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

रॉबर्ट मांडवी वाइनरी़ज में जाना किसी फाइव स्टार आर्ट सेन्टर मेंं जाने जैसा ही है। अंगूर के शानदार बागान, खूबसूरत कलाकृतियां, शानदार फव्वारें और भव्य रेस्टोरेंट वहां देखने को मिलते है। हर उम्र के लोग इस वाइनरी में देखें जा सकते है और दुनियाभर के टीवी चैनलों में जहां कहीं भी वाइन की चर्चा होती है इस वाइनरी की चर्चा की जाती है।

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नापा वैली में वाइन टेस्टिंग एक तरह का लगातार चलने वाला जश्न है। चीन के कई कारोबारी अब यहां आ रहे है। 4 करोड़ डॉलर (करीब 250 करोड़ रुपए) की लागत से चीनी निवेशकों ने यहां रदरफोर्ड नाम की फाइनरी खरीदी है। चीनी निवेशकों ने यहां अपनी क्षमतानुसार न केवल निवेश किया है, बल्कि इस कारोबार को हथियाने में भी लगे है। उनका कहना है कि चीन उनके लिए सबसे बड़ा विदेशी बाजार है, जिसकी वृद्धि दर हर साल 20 प्रतिशत से अधिक है। यहां की वाइन महंगी भी होती है, जिसका फायदा चीनी लोगों को होगा।

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नापा वैली में विमान कंपनी जेट ने भी अपना एक सेंटर खोल रखा है। इस केन्द्र में विमानों का रख-रखाव और पायलटों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। वहां जाने की इच्छा तो थी, लेकिन समयाभाव के कारण जा नहीं सके। समयाभाव के कारण ही नापा वैली वाइन ट्रेन की यात्रा भी नहीं हो पाई और ना ही नापा वाइन ट्रॉली का सफर। नापा वाइन ट्रेन दुनिया की ऐसी ट्रेन है जो सीएनजी से चलाई जाती है। 29 किलोमीटर का सफर इस ट्रेन से किया जा सकता है और एक बार में 370 यात्री इस ट्रेन में यात्रा कर सकते है। 29 किलोमीटर का सफर तीन घंटे तक वाइन टेस्टिंग के साथ ही नजारे देखते हुए किया जा सकता है। इसी तरह एक बसनुमा वाहन भी चलता है जिसका नाम है नापा वाइन ट्रॉली। नापा वाइन ट्रेन सन् 1964 से चल रही है। बार-बार इसका स्वरूप बदलता रहा, लेकिन ट्रेन का सफर जारी है। हर साल 20 लाख यात्री इस ट्रेन में यात्रा करते है। चार स्टेशन पर यह ट्रेन रुकती है और ट्रेन की अंदर से वाइन पीते हुए संगीत और प्राकृतिक नजारों का लुत्फ लिया जा सकता है। इस ट्रेन में लाउंज, ऑब्जर्वेशन और डायनिंग कार शामिल है। जबकि नापा वाइन ट्रॉली एक चलता फिरता रेस्टोरेंट है, जो सड़क पर चलता है। इस ट्रॉली को आप निजी पार्टी के लिए भी किराये पर ले सकते है। इसका किराया मात्र 250 डॉलर प्रतिघंटा है और यह न्यूनतम 6 घंटे के लिए उपलब्ध है। 250 डॉलर के अलावा करीब 150 डॉलर के अन्य खर्चे भी है, इस तरह 2400 डॉलर में 6 घंटे की पार्टी का लुत्फ लिया जा सकता है। भारत में रहते हुए और डॉलर की कीमत देखते हुए ऐसी पार्टी की कल्पना करना मुश्किल है।

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