Bookmark and Share

jatt-6

आंदोलन अब सड़कों पर ही नहीं, मीडिया में भी चलाए जाते है। जाट आंदोलन इसका एक नमूना है। हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर जाटों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के कारण चार नेशनल हाइवे के साथ ही रेल मार्ग भी अवरुद्ध कर दिए गए। तोड़फोड़, आगजनी की वारदातें भी हुई। सोशल मीडिया में जाटों ने अपने आंदोलन के पक्ष में जमकर पैरवी की। सोशल मीडिया पर जाट आंदोलन के प्रभाव को कम करने के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं सरकार द्वारा ठप कर दी गई, इसके बावजूद आंदोलन भड़क उठा। लोग नारे लगाते रहे- साढ़ा हक, एथे रख।

jatt-7

आरक्षण का आंदोलन कर रहे जाटों ने रेल की पटरियों पर खाट बिछा दिए और वहीं लेट गए। जाटनियां भी सड़कों पर उतर आर्इं। पढ़ी-लिखी जाटनियां मोर्चा निकाल रही थी और अपेक्षाकृत कम पढ़ी-लिखी जाटनियों ने रेल की पटरियों और सड़कों पर अपने मवेशी बांध लिए थे। वहीं उनका चारा-पानी हो रहा था और वहीं से दूध निकालकर कारोबार किया जा रहा था।

आंदोलनकारियों पर गोली चलाने के आदेश से लोग बहुत ज्यादा नाराज हुए। उन्होंने कहा कि जो जाट देश की रक्षा के लिए जान हथेली पर लेकर काम करता हैं, जो जाट पूरे देश का पेट भरने के लिए खेतों में हल चलाता है, उस जाट के लिए देखते ही गोली मारने का आदेश बहुत खौफनाक साबित होगा। कई लोगों ने लिखा कि इंडिया रनिंग ऑन रिजर्व इंस्टीड ऑफ डिजर्व। क्या ऐसे ही भारत स्किल इंडिया बनेगा? विरोध करने वालों ने लिखा कि टैलैंट का महत्व होना चाहिए, आरक्षण का नहीं।

jatt-5

जाट आंदोलन को अधिकांश लोग एक राजनैतिक आंदोलन मानते हैं। सोशल मीडिया पर दावे किए गए कि हरियाणा में जाटों की संख्या 22 प्रतिशत है, ये सब देशभक्त है और मेहनती भी। इन्हें आरक्षण क्यो ंनहीं मिलना चाहिए? जवाब में कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि जाट आर्थिक रूप से समृद्ध है और प्रगतिशील कौम है। जाटों के पास मर्सिडीज, ऑडी, जगुआर और बुगाती कारें है। क्या इसके बाद भी उन्हें आरक्षण की जरूरत है?

जाट आंदोलन को कई लोगों ने मजाक में भी लिया और लिखा कि मंत्री लोग तो हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों में यात्रा करते हैं, ऐसे में रेलें और सड़कें जाम करने से क्या होगा? हरियाणा के मुख्यमंत्री की ओर से ट्वीट किए गए कि इस मामले में न्यायालय के आदेश का इंतजार है, इसलिए उनकी सरकार तत्काल कोई फैसला नहीं कर सकती। सोशल मीडिया पर लोगों ने बार-बार ऐसे संदेश दिए कि असली लड़ाई मैदान में होती है। महाभारत भी मैदान में ही हुआ था, इसलिए सोशल मीडिया पर बकवास छोड़कर रेलों और बसों को रोको।

jatt-4

लोगों ने यह भी लिखा कि जाट आरक्षण की मांग बरसों से की जा रही थी। कई बार अजीत सिंह को आरक्षण के बारे में कहा गया, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर जाटों को आरक्षण के जरिये नौकरी मिल गई, तो मुझे कौन पूछेगा? अगर गुजरात में पटेलों को आरक्षण मिल सकता है, तो हरियाणा में जाटों को क्यों नहीं? हम दिल्ली के पास रहते हैं, तो क्या यह अपराध हो गया?

jatt-1

अरविन्द केजरीवाल ने भी जाट आरक्षण पर ट्वीट के जरिए जाट समुदाय को प्रभावित करने की कोशिश की। इसका हरियाणा के प्रबुद्ध जाटों ने मजाक उड़ाया और लिखा कि पहले दिल्ली तो संभाल लो भैया। अभी से हरियाणा की तरफ मत ताको। दिल्ली में जाटों के लिए आरक्षण का इंतजाम करो।

 webdunia.22Feb16

 22 Feb 2016 

07.15 am

Search

मेरा ब्लॉग

blogerright

मेरी किताबें

  Cover

 buy-now-button-2

buy-now-button-1

 

मेरी पुरानी वेबसाईट

मेरा पता

Prakash Hindustani

FH-159, Scheme No. 54

Vijay Nagar, Indore 452 010 (M.P.) India

Mobile : + 91 9893051400

E:mail : prakashhindustani@gmail.com