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अमेरिकी डायरी के पन्ने (6)

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वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान डक-टूर अपने आप में दिलचस्प अनुभव रहा। करीब डेढ़ घंटे में यह टूर वाशिंगटन डीसी की आधी से ज्यादा प्रमुख जगहों की एक झलक दिखा देता है। वाशिंगटन डीसी की शानदार सड़कों से गुजरता हुआ यह वाहन एक स्थान पर जाकर वाशिंगटन डीसी के बीच से बहती हुई पोटोमेक नदी में उतर जाता है। जो वाहन सड़क पर होता है वहीं वाहन नदी की सैर भी कराता है। वास्तव में टू इन वन। 1942 में पर्ल हार्बर पर हुए ऐतिहासिक हमले के बाद ऐसे वाहनों का इजात किया गया जो सड़क पर भी चले और पानी में भी।

इन वाहनों को पानी में ले जाने के लिए किसी बंदरगाह की जरूरत नहीं, सिर्फ एक छोटी सी रपट ही काफी होती है। यह वाहन युद्ध के लिए तैयार किया गया था, इसलिए इसमें लग्जरी की आशा करना सही नहीं होगा। भारत की सरकारी बसों की सीटें जैसी सीटें काफी ऊंची लगाई जाती है। सड़क पर बस का मजा और नदी में नाव का। पोटोमेक नदी में चलते हुए यह बस एक ऐसे मुहाने पर ले जाती है जहां से वाशिंगटन डीसी का अंतर्राष्ट्रीय विमानतल नजर आता है। दिन के समय औसतन दो मिनिट में एक विमान यहां से उड़ान भरता है। नदी के मुहाने और एयरपोर्ट के बीच कोई बड़ी दीवार नहीं है। हमारे यहां एयरपोर्ट जिस तरह दीवारों से घिरे रहते है वैसा कुछ भी नहीं है। केवल एक छोटा सा बोर्ड नजर आया जिस पर लिखा था कि यह सुरक्षित क्षेत्र है यहां हर किसी को आने की अनुमति नहीं है।

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यूनियन पार्क स्टेशन के करीब, कोलम्बस चौराहे पर जब हमने इस डक-टूर के बारे में पूछताछ की तो एक अधेड़ से गौरे अमेरिकी ने बहुत ही संयमित होकर हमें पूरी जानकारी दी। हमने टिकिट खरीदा तब उन्होंने बताया कि टूर में अभी करीब एक घंटा है, तब तक आप नेशनल पार्क तक घूम कर आ सकते हैं। जब हम लौटकर आए तब वहीं सज्जन कंडक्टर की तरह टिकिट चेक करते हुए नजर आए। हमने आखिर सबसे पीछे वाली सीट चुनी जहां से आगे और पीछे के नजारे खुलकर देखे जा सकते थे। हमें बहुत आश्चर्य हुआ जब उन्हीं सज्जन ने कहा कि अब हम डक-टूर के लिए रवाना होने वाले है और उन्होंने उस वाहन की सीढ़ी ऊपर कर दी। अचरज हुआ जब हमने देखा कि वही सज्जन सिर पर एक टोप पहनकर वाहन की ड्रायवर की सीट पर जाकर बैठ गए। वहां बैठे-बैठे ही उन्होंने कार्डलेस माइक्रोफोन लगा लिया। अरे, यह क्या? जो सज्जन टिकिट बेच रहे थे, वहीं कंडक्टर है और वे ही ड्रायवर भी। इतना तो ठीक था- हमारे टूर के गाइड भी वही सज्जन थे। उन्होंने घोषणा की कि जापानी पेâस्टिवल सवूâरा मत्सुरी के कारण आज यातायात बहुत अस्त-व्यस्त है, इस कारण हमें थोड़ा सा विलम्ब हो सकता है।

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हमारे कंडक्टर, ड्रायवर सह गाइड हमें बताते जा रहे थे कि हमारा वाहन किधर से जा रहा है और हमारे आसपास कौन-कौन से प्रमुख स्थान है। सबसे पहले उन्होंने यूनियन स्टेशन के पास जापानी अमेरिकन मेमोरियल के बारे में बताया। फिर हमें यूएस कोर्ट हाऊस दिखाया, जो वहां की सर्वोच्च अदालत का मुख्यालय है। नेशनल गैलेरी ऑफ आर्ट्स, नेशनल आर्काइव्स, यूएस नेवी मेमोरियल, ओल्ड पोस्ट ऑफिस पेवेलियन, व्हॉइट हाऊस, वाशिंगटन मोनुमेंट, लिंकन मेमोरियल और पेंटागॉन जेफरसन मेमोरियल होते हुए वह वाहन पोटोमेक नदी में उतर गया। नदी में से गुजरते हुए वहां के प्राकृतिक नजारे और वाशिंगटन डीसी की विशाल अट्टालिकाएं साफ नजर आ रही थी। यहां तक की रोनाल्ड रीगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रनवे भी साफ नजर आ रहा था। डक-टूर के दौरान ही वाहन से हमें होलोकास्ट मेमोरियल, बॉटनिकल गार्डन, एयर एंड स्पेस म्यूजियम, अमेरिकन इंडियन म्यूजियम, स्मिथ सोनिअन म्यूजियम होते हुए वापस लाया गया।

मुझे यह बात बड़ी दिलचस्प लगी कि जो व्यक्ति सड़क पर वाहन चला रहा था वहीं व्यक्ति नदी में भी वाहन चला रहा था। इस दौरान उसने वाशिंगटन डीसी की जगहों से जुड़े तमाम ऐतिहासिक तथ्य हमें बताए और वह भी दिलचस्प अंदाज में। जब हमारा वाहन नदी में उतरा तब उसने हमें पीले रंग की एक व्हिसल दी, जिसमें फूंक मारने पर बतख की आवाज जैसी ध्वनि निकलती थी। गाइड ने हमें कहा कि हम उसे कितनी भी बार बजा सकते है। पोटोमेक नदी में डक-टूर के साथ-साथ हमें कई बतख भी पानी में तेरती मिली। अनेक लोग थे जो अपनी कारों के पीछे ट्रॉली में मोटर बोट लादकर लाए थे। हमारे वाहन के साथ-साथ वे लोग भी रिवर्स मोड में अपनी कार से मोटर बोट पानी में उतार रहे थे। वाहन में सवार बच्चों और किशोरों को एक-एक करके उस डक बोट को चलाने का अवसर भी उन्होंने दिया। इस दौरान वाहन चालक वहां मौजूद रहे। बोट पर सवार बच्चों और किशोरों का उत्साह देखते ही बनता था। इस यात्रा की सबसे बड़ी बात यह थी कि जब वह वाहन सड़क पर होता था तब हमारी सीट इतनी ऊंची थी कि कोई भी कार हमें साइड सिइंग से नहीं रोक सकती थी।

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हमें बताया गया कि डक-टूर में उपयोग किया जाने वाला वाहन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लड़े जाने वाले वाहन जैसा ही है। पर्यटकों के लिहाज से उसमें थोड़े से परिवर्तन किए गए थे। विश्व युद्ध के दौरान इन वाहनों का उपयोग एम्बुलेंस के तौर पर भी होता था और आग या पानी में तबाह हो रहे वाहनों को बचाने के लिए भी। पोटोमेक नदी में हमें कई लग्जरी मोटर बोट भी दिखीं। उन वाहनों में बार और रेस्टोरेंट की सुविधाएं भी थी। उनमें से कुछ तो वातानुकूलित भी थे। उनका किराया हमारे डक-टूर की तुलना में निश्चित ही काफी ज्यादा था। डक-टूर वाले वाहन के बारे में हमें यह भी बताया गया कि यह वाहन सड़क और नदी के अलावा उबड़-खाबड़ रास्ते पर भी धीमी गति से चल सकता है और रेतीली जमीन पर तेजी से दौड़ सकता है। इसी कारण विश्व युद्ध के दौरान यह वाहन उन जहाजों की मदद कर पाता था जो पानी में होते थे और बंदरगाह पर आने के लिए उनके पास समय नहीं होता था। पर्यटकों के लिए इस वाहन में सुरक्षा के सारे इंतजाम मौजूद थे। सुरक्षा जैकेट, वायरलेस सम्पर्क तंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि चीजें मौजूद थी। फस्र्ट ऐड का सामान भी उपलब्ध था।

अगर आप वाशिंगटन डीसी की यात्रा पर जाएं और कम समय में तथा कम खर्च मेंं घूमने की इच्छा रखते हो तब यह आपका मनपसंद टूर हो सकता है। डेढ़ घंटे में आप प्रमुख-प्रमुख स्थान की झलकियां देख सकते है। इसके बाद भी आपके पास वाशिंगटन डीसी के पर्यटन केन्द्र घूमने का समय तो बचता ही है। इस टूर के माध्यम से आप चयन कर सकते है कि कौन-सी जगह जाना आप पसंद करेंगे। वाशिंगटन डीसी के म्यूजियम, स्मारक और बगीचे आपका मन मोह लेंगे और मजबूर करेंगे कि आप ज्यादा से ज्यादा समय इसी शहर को समर्पित करें। और हां, अगर आप सकुरा मत्सुरी उत्सव के दौरान यहां जाएं तो खुले बगीचे और मैदान छोड़कर जाने की इच्छा नहीं होगी।

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