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संभवतः 5 जनवरी को या उसके बाद भारत के पांच प्रमुख राज्यों के विधानसभा के चुनाव घोषित हो जाएंगे यह राज्य हैं उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तरांचल गोवा और मणिपुर। 2022 के आखिरी दिनों में हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव का समय भी आ जाएगा चुनाव आयोग इन सब राज्यों में चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है। मार्च-अप्रैल में सीबीएसई सहित सभी इन सभी राज्य में शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं संपन्न करा ली जाएंगी। चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते तक इन राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म करने की तैयारी कर रहा है। इन पांचों राज्यों में मतदाता सूचियों के प्रकाशन को का निर्देश भी दे दिया गया है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह आदेश दिया है कि जो मैदानी अधिकारी लंबे समय से इन राज्यों में एक ही जगह पर तैनात हैं, उन्हें भी बदला जाए। अनुमान है कि इन राज्यों के चुनाव के लिए मतगणना का कार्य 7 या 8 चरणों में पूरा किया जा सकेगा सभी राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए सभी प्रमुख दलों ने अपनी अपनी तरफ से पूरी तैयारियां कर रखी है। सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश की ओर टिकी हुई है जो देश का सबसे बड़ा राज्य है और यह माना जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ होकर ही जाता है यानी जिस पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में होती है, केन्द्र में सरकार उसी की होती है।

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हाल ही के ओपिनियन पोल के अनुसार 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 70 से ज्यादा सीटों का नुकसान होने का अनुमान है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि सबसे बुरी हालत बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की होगी। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस 2017 के चुनाव नतीजों को ही रिपीट करेगी। हालांकि कांग्रेस की तरफ से प्रियंका चोपड़ा वाड्रा पार्टी को ताकतवर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि वह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हो। ताजा सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन 230 से 249 सीटें हासिल करेगा। उत्तर प्रदेश में 1985 के बाद से कोई भी मुख्यमंत्री लगातार दो बार कुर्सी पर काबिज नहीं हो पाया है अगर योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद फिर मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो 36 वर्षों में लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ ताल ठोकने वाली कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से कई लोग चमत्कार की उम्मीद लगाए हुए हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला शक्ति को आगे लाने के लिए लगातार प्रयास किया है। महिला शक्ति के भरोसे ही प्रियंका गांधी वाड्रा को लगता है कि वे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को हरा पाएगी। एजेंसी के अनुसार अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी को 135 सीटें मिल सकती हैं समाजवादी पार्टी के लिए ही मिली थी।

वैसे तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी सप्ताह बनाने के लिए सभी प्रमुख पार्टियां जोर आजमा रही हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी की तरफ से योगी आदित्यनाथ और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सारी तैयारियां कर ली है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के सभी इलाकों में अपनी किलेबंदी करना शुरू कर दिया है उनके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री और पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी भी मैदान में है। यह लोग उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

बीते अक्टूबर और नवंबर के महीने में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में करीब 68000 करोड़ की सौगात देने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के अनेक इलाकों में शिलान्यास और उद्घाटन किए गए। अक्टूबर में कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन हुआ उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में ड्रीम प्रोजेक्ट खाद कारखाना एम्स और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का लोकार्पण भी किया था। गोरखपुर में 8603 करोड़ रुपये की लागत से उर्वरक संयंत्र भी स्थापित करने की बात कही गई इस परियोजना में किसानों के जीवन में समृद्धि होगी और यह भी कहा गया कि इससे 20000 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के अरवल खीरी में 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की आधारशिला जुलाई 2018 में रखी गई थी। प्रधानमंत्री के हाथों 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण कराने की व्यवस्था थी फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना भी की जानी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास कराए जा चुके हैं। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस वे के भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। चुनाव के पहले इस एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य संपन्न होने की संभावना है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन कर चुके हैं .बीना पनकी मल्टी प्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री कर चुके हैं. वे कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार होने से विकास के कार्य को बड़ी गति मिलेगी। बीना पनकी मल्टी प्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना को मध्यप्रदेश तक बढ़ाने की बात भी कही जा रही है। अभी उस पर योजना का उद्घाटन व शिलान्यास नहीं किया गया है क्योंकि मध्य प्रदेश में चुनाव 2023 में। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर बार यही दोहराते रहे हैं कि जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया है.

उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वांचल को केन्द्र बना रखा है। पूर्वांचल में अपना आधार मजबूत बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 5 साल पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट हलचल हर घर जल योजना ऐसी तमाम योजनाएं प्रधानमंत्री जनता के नाम समर्पित कर चुके हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं 2016 में खाद कारखाने का शिलान्यास किया था जो पूरा बन गया उसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देसी किया। 2017 में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी महज 5 घंटे में लोकार्पण और शिलान्यास का रिकॉर्ड तोड़ा था जब उन्होंने 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था जिनमें लखनऊ में क्रिकेट स्टेडियम कैंसिल सिटी मल्टीप्लेक्स लाइब्रेरी स्विमिंग पूल शाम ई अवध सिगनेचर बिल्डिंग मंडी परिषद की बिल्डिंग आदि शामिल हैं।

अखिलेश यादव ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और लखनऊ मेट्रो का लोकार्पण भी कर दिया था जो आधा अधूरा ही था। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को फिल्म सिटी देने की तैयारी में है। इसके लिए भारतीय फिल्म उद्योग के कई लोगों को वहां बुलाया गया है और उन्हें जमीन भी आवंटित की जा चुकी है। इस नई फिल्म सिटी में फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की दिलचस्पी इसलिए है कि प्रधानमंत्री जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर चुके हैं और यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के बाद इस इलाके में जमीनों के दाम बहुत ज्यादा बढ़ चुके होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 जनवरी को मेरठ में मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के शिलालेख का शिलालेख लग चुके हैं। 700 करोड़ रुपये से बनने वाले इस विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं होंगी और यहां प्रतिवर्ष करीब 1000 युवक-युवतियों को खेलों में ग्रेजुएट होने की डिग्री प्रदान की जाएगी।

जिन पांच राज्यों में चुनाव नजदीक हैं उनमें मणिपुर भी एक प्रमुख राज्य है प्रधानमंत्री 4 जनवरी को मणिपुर और त्रिपुरा की यात्रा पर भी जाएंगे और वहां 4800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विभिन्न 22 प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे या उद्घाटन कराई करेंगे। प्रधानमंत्री यहां करीब 17 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नेशनल हाईवे किस खिलाड़ी की आधारशिला रखेंगे ताकि इस इलाके का संपर्क देश के अन्य राज्यों से भी बना रहे। इसके अलावा 11 100 करोड़ रुपये की लागत से 2350 मोबाइल टावर को भी लोकार्पण किया जाएगा। प्रधानमंत्री 200 बिस्तरों वाले कैंसर अस्पताल का उद्घाटन भी करेंगे। मणिपुर के सबसे बड़े पीपीपी प्रोजेक्ट सेंटर फॉर इन्नोवेशन इनोवेशन इनक्यूबेशन इन ट्रेनिंग ट्रेनिंग की आधारशिला भी रखेंगे। कला के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मणिपुर की आधारशिला रखेंगे इसकी घोषणा वैसे तो 1990 में हुई थी लेकिन अभी तक यह बन नहीं पाया। 130 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रमों की आधारशिला भी रखी जाएगी।

इन तमाम उद्घाटन और शिलान्यास ओं के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश के समग्र विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध है। शिलान्यास और उद्घाटन का कार्यक्रम सबसे अधिक उन राज्यों में हो रहा है जहां चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश का नंबर भी आता है क्योंकि 2022 के अंत में ही इन राज्यों में चुनाव होने हैं।

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिलान्यास व उद्घाटन करने की आतुरता इसलिए भी है कि आई एन एस सी वोटर द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता 2014 में प्रधानमंत्री के बनने के बाद से वर्तमान में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह एजेंसी नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से लगातार प्रति वर्ष दिसंबर में इस तरह के सर्वे करती रही है एजेंसी के अनुसार मतदाताओं की संतुष्टि रेटिंग सबसे कम पाई गई है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार और को रुलाती दूसरी लहर ने प्रधानमंत्री के लोकप्रियता को काफी कम कर दिया। सन 2020 में अनेक उद्योगों में तालाबंदी हो गई और आर्थिक गतिविधियों में रुकावट पड़ी जिसके कारण देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2020 में साढ़े सात प्रतिशत से भी ज्यादा सिकुड़ गई थी बेरोजगारी की दर इस अवधि में 22 प्रतिशत पार कर गई थी। सारे 33प्रतिशत युवाओं ने कहा था कि उन्हें अभी भी पिंक स्लिप मिलने की आशंका रहती और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं ।

4 जनवरी 2022

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