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अरुंधति राय ने 'आज के भारत' के बारे में बात की, इसे ' शर्म की बात' कहा. 1960 के दशक में धन और भूमि के पुनर्वितरण के लिए "वास्तव में क्रांतिकारी आंदोलनों" का नेतृत्व करने वाले नेता अब वोट चाहते हैं और ‘‘पांच किलोग्राम अनाज और एक किलोग्राम नमक बांटने के नाम’’ पर चुनाव जीत रहे हैं.

बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका अरुंधति रॉय (Booker Prize winner Arundhati Roy) ने भारत की तुलना ऐसे विमान से की जो पीछे की ओर उड़ान भर रहा है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा विमान है जो ‘‘दुर्घटना'' की ओर बढ़ रहा है. राय ने यह टिप्पणी ‘वाई डू यू फियर माइ वे सो मच'' (Why do you fear my way so much ) शीर्षक से प्रकाशित किताब के लोकार्पण के अवसर पर की. इस किताब में जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता जीएन साईबाबा (GN Saibaba) की कविताओं और पत्रों का संकलन है.

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