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भारतीय सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूके विज़िट सबसे ज्यादा चर्चा में है ! 'भक्त' जयकारे लगा रहे हैं, विरोधी दल और विदेशी मीडिया का एक वर्ग आलोचना के मुद्दे खोज रहे हैं, किसिम किसिम के ताने दिए जा रहे हैं, एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं के ब्लॉग कई मामलों में चिंता जता रहे हैं, मोदी की यात्रा को एक वर्ग इंटरटेनमेंट करार दे रहा है. ब्लॉग्स के अलावा ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टंबलर, लाइफस्ट्रीम, पिन्टेस्ट, लाइव जर्नल, ब्लॉगमार्क, क्लासिकल प्लेस आदि तमाम सोशल साइट्स पर नरेन्द्र मोदी की यात्रा छाई रही.
20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में बिहार सरकार के शपथ समारोह में अपेक्षा और उपेक्षा शब्दों पर बड़ी चर्चा रही। लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव को मंत्री पद की शपथ दूसरी बार लेनी पड़ी, क्योंकि पहली बार उन्होंने गलती से अपेक्षा की जगह उपेक्षा कह दिया था। गलती महज एक अक्षर की थी, लेकिन उससे अर्थ का अनर्थ हो गया। अ की जगह उ बोलने से बात का मतलब बिगड़ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस़का मखौल उड़ाया।
बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ भारत के क्रिकेट रिश्ते बरकरार रखने का आग्रह करते हुए दिसंबर में पाकिस्तान के साथ खेलने का जो प्रस्ताव रखा है, उसके साथ सबसे बड़ी गड़बड़ी यह हुई कि यह प्रस्ताव 26/11 को रखा गया। यहीं वह दिन है, जब पाकिस्तान ने मुंबई पर आतंकी हमला किया था। इस कारण भी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेले जाने का विरोध लोगों के मन में था। एक ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक 91 प्रतिशत लोग चाहते है कि भारत पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेले। केवल 9 प्रतिशत लोग पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने के पक्ष में है।
कोई भी न्यायालय अपने सामने रखे गए तथ्यों और गवाहों के आधार पर ही फैसला देता है। न्यायालय के सामने अभियोजन पक्ष ने जो भी गवाह और सबूत पेश किए, उन्हें नाकाफी मानते हुए अदालत ने कहा कि इन तथ्यों के आधार पर सलमान खान को दोषी नहीं कहा जा सकता। सलमान खान का इस तरह बरी होना सोशल मीडिया पर उपहास और तानाकशी की घटना हो गई। आम लोगों ने इसे अपने-अपने तरीके से समझा और अपनी प्रतिक्रिया दी। इनमें कई प्रतिक्रियाएं तो ऐसी भी थी, जिनमें भारतीय न्याय व्यवस्था का खुलकर मजाक उड़ाया गया।
चेन्नई में आई भीषण बाढ़ में राहत पहुंचाने वाले फौजियों के बाद अगर कोई सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ, तो वह था सोशल मीडिया। जिस सोशल मीडिया को लोग कोसते थे और वक्त जाया करने की मशीन बताते थे, उसने संकट की घड़ी में राहत पहुंचाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अखबार और टीवी चैनल शुरूआत में केवल रूटीन की खबरें देते रहे, लेकिन सोशल मीडिया की जागरुकता ने उन्हें भी सकारात्मक भूमिका के लिए मजबूर कर दिया। अब डिजास्टर मैनेजमेंट में सोशल मीडिया की मदद ली जा रही है।
2015 में भी भारतीय लोगों ने गूगल पर सनी लियोन को सबसे ज़्यादा खोजा. नरेंद्र मोदी को गूगल पर सर्च कम किया गया और मोदी जी दूसरे से सीधे दसवें नंबर पर आ गये. सनी लियोन लगातार चार साल से सबसे ज़्यादा गूगल सर्च की जाने वाली सेलेब्रिटी हैं. दिलचस्प है गूगल की रिपोर्ट, कि भारतीय लोग वहाँ क्या खोजते हैं? 2015 में भी गूगल पर बॉलीवुड और क्रिकेट का ही बोलबाला रहा। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा, ब्रेकिंग न्यूज जैसे चेन्नई की बाढ़ और नेपाल में भूकंप छाए रहे। मैगी न्यूडल्स पर लगने वाला बैन भी लोगों द्वारा सर्च किया गया। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप भी सर्च किया गया और वीरेन्द्र सहवाग के रिटायर होने की घोषणा भी।